एक मजबूत सामाजिक जिम्मेदारी की भावना आईआईएम उदयपुर की सभी गतिविधियों को सूचित करती है। हम समाज को वापिस देने, स्थानीय विकास में भूमिका निभाने और पारिस्थितिक स्तिथरता के सिद्धांतों को लागू करने में प्रतिबद्ध है।
दो वर्ष के एमबीए के पाठयक्रम में रूरल इमर्शन अनिवार्य है। हमारा विश्वास है की यह भविष्य के प्रबंधकों के लिए ग्रामीण भारत को समझने हेतु जरुरी है। रूरल इमर्शन, भारतीय सामाजिक एवं राजनीतिक वातावरण से संबंधित पाठयक्रम से आरंभ होता है। इसमें 5 स्टूडेंट्स की एक टीम बनायीं जाती है जो गाँव में एक सप्ताह व्यतीत करते है। यहाँ वे जमीनी वास्तविकताओं और निचले स्तर पर रहने वाले व्यक्तियों के समक्ष आने वाली चुनौतियों को समझने के लिए एनजीओ के साथ नज़दीक से कार्य करते है। इसके अतिरिक्त छात्र क्लास कार्य के भाग के रूप में क्षेत्र की कई कंपनियों / एनजीओ के साथ प्रतिवर्ष चालीस से पचास परियोजनाएं करते है।
छात्र अपनी कक्षा से बहार अन्य बाहरी गतिविधियों से जुड़ी सामाजिक जिम्मेदारी में भी योगदान दे रहे है। कंसल्ट यू, द कंसल्टिंग क्लब क्षेत्रीय गैर लाभकारी संगठनों के साथ प्रतिवर्ष लगभग छः प्रो बोनो परियोजनाएं चलाते है जिनमे निम्न शामिल है :
प्रत्येक वर्ष लगभग 50% छात्र प्रयत्न में भाग लेते है, जो सामाजिक जिम्मेदारी क्लब के सक्रिय स्वयंसेवकों को बढ़ावा देते है। हाल की परियोजनाओं में शामिल हैं:
सामाजिक क्षेत्र में कैरियर पर विचार करने वाले छात्रों को प्रोत्साहित करने और उनके समर्थन करने के लिए, IIMU विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान करता है:
आईआईएमयू एक संस्थान के रूप में भविष्य के नेताओं का निर्माण कर रहा है, साथ ही छात्रों को व्यावहारिक स्थिरता के सिद्धांतों को लागू करने के तरीकों में व्यावहारिक उदाहरण प्रदान कर रहा है। आठ वर्षों के भीतर, आईआईएमयू का नया परिसर ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर होगा, यानी नेट-ज़ीरो परिसर। अपशिष्ट को पुन: प्रयोज्य संसाधनों में परिवर्तित किया जाएगा। इसके अतिरिक्त परिसर तकनीकी रूप से उन्नत और साथ ही जल संचयन के पारंपरिक मॉडल दोनों का उपयोग करेगा। अधिक पढ़ें।
आईआईएम उदयपुर पहले भी CSR रैंकिंग प्रोजेक्ट में गर्व का भागीदार रह चुका है। आईआईएमयू में एक संकाय सदस्य प्रोफेसर नीती सनन ने नम्रता राणा और उत्कर्ष मजमुदार के साथ मिलकर यह रिपोर्ट तैयार की जो सीएसआर के साथ उनके जुड़ाव के आधार पर भारत की शीर्ष कंपनियों की रैंकिंग करती है। आने वाले वर्षों में कंपनी अधिनियम 2013 के प्रभाव को ट्रैक करने के लिए समय-समय पर इस शोध को अद्यतन करने का इरादा है।