हमारा परिसर

title-arrow

हमारा परिसर



आईआईएम उदयपुर के स्थायी परिसर का निर्माण पुराने शहर से लगभग 8 किलोमीटर दूर 300 एकड़ के स्थान पर बनाया जा रहा है। अवसंरचना, सुविधाएं और शिक्षण कक्ष डिजाइन एक ऐसा परिसर तैयार करेगी जो भारत तथा विदेशों में सर्वोत्तम स्थान प्राप्त करेगा। यह परिसर आईआईएमयू को संभावित योजनाओं में लक्ष्यों को प्राप्त करने में योग्य बनाएगा जिसमें 2020 तक इसके कार्यक्रमों में लगभग 750 छात्र और 60 स्थायी संकाय सदस्य होंगे जो शोध एवं शिक्षण में अग्रणी बनने के इसके मिशन को कार्यान्वित करेंगे। जिम्मेदार नेता तैयार करेंगे और क्षेत्र के विकास में योगदान देंगे।

समग्र डिजाइन पारंपरिक वास्तुकला को प्रदर्शित करता है जो कि राजस्थान के इतिहास और इसकी संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है। शैक्षिक ब्लॉक दोनों ओर झील के मध्य में होगा और विभिन्न दृश्यों का लाभ उठाने के लिए विभिन्न स्तरों पर कई कोर्टयार्ड होंगे (उदयपुर के चौक से प्रेरित होकर)। जल के आगे एक भव्य प्लाजा सेंट्रल मीटिंग स्थान होगा तथा बड़े इवेंटों के लिए पृष्ठभूमि का कार्य करेगा।

इसकी वास्तुकला ऊर्जा के उपयोग को न्यूनतम बनाने के लिए तैयार की गई है और विद्युत सृजन के लिए कैंपस में एक सोलर पॉवर फॉर्म का निर्माण किया जाएगा। कई वर्षों के दौरान विभिन्न चरणों में शुष्क परिदृश्य की पुनः स्थापना की जाएगी जिसमें परिसर को जल, ऊर्जा और अपशिष्ट प्रबंधन के रूप में वृहत रूप से आत्मनिर्भर बनाया जाएगा। समूचा परिसर जीआरआईएचए (समेकित आवास मूल्यांकन के लिए हरित रेटिंग) एलडी 5 स्टार रेटिंग के लिए तैयार किया गया है।

शानदार स्थान तिरछी ढलान और गहरी घाटियों द्वारा विशिष्ट है। इसके परिणामस्वरूप मुख्य डिजाइन सिद्धांत जल अवधारण और संरक्षण पर आधारित है। परिसर को जल आपूर्ति में स्वतंत्र बनाने के लिए इसमें मानसून के दौरान वर्षा के जल को इकट्ठा करने की एक अत्याधुनिक योजना की आवश्यकता है। विभिन्न आपस में जुड़ी झीलों के लिए प्रमुख स्थानों पर चैक डेम की एक प्रणाली स्थापित की जाएगी। निर्माण की प्रक्रिया के दौरान प्राकृतिक जलग्रह को संशोधित किया जाएगा और जल ढ़लान का प्रयोग करते हुए चैनल के माध्यम से निदेशित होगा तथा वर्ष भर उपयोग के लिए स्थानीय जल निकायों में इसे भंडारित किया जा सकेगा।

समग्र परिदृश्य योजना पूर्णतया प्रोन्नत है जिसमें क्षमता में वृद्धि करने, बेहतर मृदा कवरेज सुनिश्चित करने के लिए यथावश्यक डी-स्लीटिंग और रि-स्लीटिंग क्षेत्र, मृदा आद्रता में वृद्धि करने के लिए मेढ़, ट्रेन्चिस और अन्य साधनों का उपयोग करना, कटाव की सुरक्षा में सुधार करना और मृदा के कार्बनिक घटक में विस्तार आवश्यक है। सिंचाई जब आवश्यक होगी में सक्रिय पद्धति के सीमित उपयोग द्वारा अनुपूरित मुख्यतः प्रणाली का उपयोग करेंगे। ऊर्जा और जल संरक्षण के लिए, इसके अतिरिक्त परिसर के शून्य-अपशिष्ट सुविधा वाला परिसर की योजना बनाई गई है जहां अपशिष्ट डीईडब्लूयएटीएस (विकेंद्रीकृत अपशिष्ट जल ट्रीटमेंट प्रणाली) का उपयोग करते हुए तथा वर्मीकम्पोजटिंग तथा बॉयोगैस उत्पादन का उपयोग करते हुए एक महत्वपूर्ण संसाधन होगा।

इस परिसर का आसपास के समुदाय पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा जो फल-फूलों के उत्पादन, अधिक स्थिर वर्ष भर घास आपूर्ति और रखरखाव तथा अन्य सेवाओं में बड़ी संख्या में नौकरियों से लाभान्वित होंगे।

हमारा परिसर

हमारा परिसर

हमारा परिसर