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बी वी दोशी ने प्रिट्ज़कर पुरस्कार जीता


बालकृष्ण दोशी को 2018 प्रिट्ज़कर पुरस्कार जो कि वास्तुकला के क्षेत्र में सर्वोच्च सम्मान है, से सम्मानित किया गया है । दोशी वास्तु शिल्प कंसल्टेंट्स के संस्थापक साझेदार हैं, इस फर्म ने आईआईएम उदयपुर के नए 300 एकड़ के परिसर की रूपरेखा बनाई है जिसका वर्तमान में बालिचा, उदयपुर में निर्माण पूरा किया जा रहा है।

दोशी का प्रतिष्ठित कैरियर सात दशकों से अधिक समय तक रहा है एवं इसमें 100 से अधिक परियोजनाएँ सम्मिलित है। 1950 के दशक में उन्होंने चंडीगढ़ के लिए योजना बनाने में मदद करने हेतु अंतर्राष्ट्रीय मास्टर ली कोर्बुज़ियर के साथ काम किया एवं 1960 के दशक में आईआईएम अहमदाबाद की रूपरेखा पर लुई कान के सहयोगी के रूप में काम किया ।

उनके उल्लेखनीय कार्यों में भारतीय प्रबंधन संस्थान बेंगलुरु, अरन्या कम लागत आवास परियोजना, पर्यावरण नियोजन और प्रौद्योगिकी केंद्र (सीईपीटी) के साथ-साथ पूरे भारत में कईं प्रमुख सार्वजनिक परियोजनाएं, मिश्रित-उपयोग परिसर, गलियारे एवं निजी आवास सम्मिलित हैं। शिक्षा बी वी दोशी के जीवन एवं कैरियर में लगातार उपस्थित रही है। वे वास्तुकला व योजना स्कूल, अहमदाबाद के संस्थापक निदेशक थे एवं पर्यावरण नियोजन और प्रौद्योगिकी केंद्र के संस्थापक डीन थे। उन्होंने भारत एवं दुनिया भर में व्यापक रूप से सिखाया व पढ़ाया है।

प्रिट्ज़कर पुरस्कार 1979 में स्थापित किया गया था। एक जीवित वास्तुकार का उसकी "प्रतिभा, दृष्टि एवं मानवता व निर्मित पर्यावरण के प्रति महत्वपूर्ण योगदानों" के लिए सम्मान करने हेतु प्रत्येक वर्ष इस पुरस्कार को प्रदान किया जाता है। पिछले विजेताओं में शामिल हैं आईएम पेई, रिचर्ड मीयर, फ्रैंक गेह्री, टाडाओ एंडो, रेन्ज़ो पियानो, रेम कूलहास, नॉर्मन फोस्टर, एवं हर्ज़ोग/डी मयुरोन। यह पुरस्कार मई 2018 में टोरंटो, कनाडा में आगा खान संग्रहालय में प्रदान किया जाएगा, जो प्रभावशाली परिसर का हिस्सा है जिसमें प्रसिद्ध भारतीय वास्तुकार चार्ल्स कोरिया द्वारा रूपांकित किया गया इस्माइली केंद्र शामिल है।